रामायणम् — 6.55.65
Original
Segmented
ततः स संज्ञाम् उपलभ्य कृच्छ्राद् बलीयसः तस्य भुजान्तर-स्थः अवेक्षमाणः पुर-राजमार्गम् विचिन्तयामास मुहुः महात्मा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संज्ञाम् | संज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
उपलभ्य | उपलभ् | pos=vi |
कृच्छ्राद् | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=5,n=s |
बलीयसः | बलीयस् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भुजान्तर | भुजान्तर | pos=n,comp=y |
स्थः | स्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अवेक्षमाणः | अवेक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पुर | पुर | pos=n,comp=y |
राजमार्गम् | राजमार्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विचिन्तयामास | विचिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मुहुः | मुहुर् | pos=i |
महात्मा | महात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |