Original

नीलश्चिक्षेप शैलाग्रं कुम्भकर्णाय धीमते ।तमापतन्तं संप्रेक्ष्य मुष्टिनाभिजघान ह ॥ १५ ॥

Segmented

नीलः चिक्षेप शैल-अग्रम् कुम्भकर्णाय धीमते तम् आपतन्तम् सम्प्रेक्ष्य मुष्टिना अभिजघान ह

Analysis

Word Lemma Parse
नीलः नील pos=n,g=m,c=1,n=s
चिक्षेप क्षिप् pos=v,p=3,n=s,l=lit
शैल शैल pos=n,comp=y
अग्रम् अग्र pos=n,g=n,c=2,n=s
कुम्भकर्णाय कुम्भकर्ण pos=n,g=m,c=4,n=s
धीमते धीमत् pos=a,g=m,c=4,n=s
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
आपतन्तम् आपत् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
सम्प्रेक्ष्य सम्प्रेक्ष् pos=vi
मुष्टिना मुष्टि pos=n,g=m,c=3,n=s
अभिजघान अभिहन् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i