रामायणम् — 6.54.9
Original
Segmented
पादपैः पुष्पित-अग्रैः च हन्यमानो न कम्पते तस्य गात्रेषु पतिता भिद्यन्ते शतशः शिलाः पादपाः पुष्पित-अग्राः च भग्नाः पेतुः मही-तले
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पादपैः | पादप | pos=n,g=m,c=3,n=p |
पुष्पित | पुष्पित | pos=a,comp=y |
अग्रैः | अग्र | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
हन्यमानो | हन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
कम्पते | कम्प् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
गात्रेषु | गात्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
पतिता | पत् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
भिद्यन्ते | भिद् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
शतशः | शतशस् | pos=i |
शिलाः | शिला | pos=n,g=f,c=1,n=p |
पादपाः | पादप | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पुष्पित | पुष्पित | pos=a,comp=y |
अग्राः | अग्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
भग्नाः | भञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
पेतुः | पत् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
मही | मही | pos=n,comp=y |
तले | तल | pos=n,g=m,c=7,n=s |