रामायणम् — 6.47.36
Original
Segmented
तस्मिन् प्रवृद्ध-उत्तम-सानु-वृक्षे शृङ्गे विकीर्णे पतिते पृथिव्याम् महा-अहि-कल्पम् शरम् अन्तक-आभम् समाददे राक्षस-लोक-नाथः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
प्रवृद्ध | प्रवृध् | pos=va,comp=y,f=part |
उत्तम | उत्तम | pos=a,comp=y |
सानु | सानु | pos=n,comp=y |
वृक्षे | वृक्ष | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शृङ्गे | शृङ्ग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
विकीर्णे | विकृ | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
पतिते | पत् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
पृथिव्याम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
अहि | अहि | pos=n,comp=y |
कल्पम् | कल्प | pos=a,g=m,c=2,n=s |
शरम् | शर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अन्तक | अन्तक | pos=n,comp=y |
आभम् | आभ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
समाददे | समादा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
राक्षस | राक्षस | pos=n,comp=y |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
नाथः | नाथ | pos=n,g=m,c=1,n=s |