Original

यश्चैष चापासिशरौघजुष्टं पताकिनं पावकदीप्तरूपम् ।रथं समास्थाय विभात्युदग्रो नरान्तकोऽसौ नगशृङ्गयोधी ॥ २२ ॥

Segmented

यः च एष चाप-असि-शर-ओघ-जुष्टम् पताकिनम् पावक-दीप्त-रूपम् रथम् समास्थाय विभाति उदग्रः नरान्तको ऽसौ नग-शृङ्ग-योधी

Analysis

Word Lemma Parse
यः यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
एष एतद् pos=n,g=m,c=1,n=s
चाप चाप pos=n,comp=y
असि असि pos=n,comp=y
शर शर pos=n,comp=y
ओघ ओघ pos=n,comp=y
जुष्टम् जुष् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
पताकिनम् पताकिन् pos=a,g=m,c=2,n=s
पावक पावक pos=n,comp=y
दीप्त दीप् pos=va,comp=y,f=part
रूपम् रूप pos=n,g=m,c=2,n=s
रथम् रथ pos=n,g=m,c=2,n=s
समास्थाय समास्था pos=vi
विभाति विभा pos=v,p=3,n=s,l=lat
उदग्रः उदग्र pos=a,g=m,c=1,n=s
नरान्तको नरान्तक pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽसौ अदस् pos=n,g=m,c=1,n=s
नग नग pos=n,comp=y
शृङ्ग शृङ्ग pos=n,comp=y
योधी योधिन् pos=a,g=m,c=1,n=s