Original

तं निर्विषाशीविषसंनिकाशं शान्तार्चिषं सूर्यमिवाप्रकाशम् ।गतश्रियं कृत्तकिरीटकूटमुवाच रामो युधि राक्षसेन्द्रम् ॥ १३१ ॥

Segmented

तम् निर्विष-आशीविष-संनिकाशम् शान्त-अर्चिस् सूर्यम् इव अप्रकाशम् गत-श्रियम् कृत्त-किरीट-कूटम् उवाच रामो युधि राक्षस-इन्द्रम्

Analysis

Word Lemma Parse
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
निर्विष निर्विष pos=a,comp=y
आशीविष आशीविष pos=n,comp=y
संनिकाशम् संनिकाश pos=a,g=m,c=2,n=s
शान्त शम् pos=va,comp=y,f=part
अर्चिस् अर्चिस् pos=n,g=f,c=2,n=s
सूर्यम् सूर्य pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
अप्रकाशम् अप्रकाश pos=a,g=m,c=2,n=s
गत गम् pos=va,comp=y,f=part
श्रियम् श्री pos=n,g=m,c=2,n=s
कृत्त कृत् pos=va,comp=y,f=part
किरीट किरीट pos=n,comp=y
कूटम् कूट pos=n,g=m,c=2,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रामो राम pos=n,g=m,c=1,n=s
युधि युध् pos=n,g=f,c=7,n=s
राक्षस राक्षस pos=n,comp=y
इन्द्रम् इन्द्र pos=n,g=m,c=2,n=s