रामायणम् — 6.47.100
Original
Segmented
निकृत्त-चापम् त्रिभिः आजघान बाणैः तदा दाशरथिः शित-अग्रैः स सायक-आर्तः विचचाल राजा कृच्छ्रात् च संज्ञाम् पुनः आससाद
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निकृत्त | निकृत् | pos=va,comp=y,f=part |
चापम् | चाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
त्रिभिः | त्रि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
आजघान | आहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
बाणैः | बाण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तदा | तदा | pos=i |
दाशरथिः | दाशरथि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शित | शा | pos=va,comp=y,f=part |
अग्रैः | अग्र | pos=n,g=m,c=3,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सायक | सायक | pos=n,comp=y |
आर्तः | आर्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विचचाल | विचल् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कृच्छ्रात् | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=5,n=s |
च | च | pos=i |
संज्ञाम् | संज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
आससाद | आसद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |