रामायणम् — 6.45.11
Original
Segmented
आपद्-संशयिता श्रेयो न अत्र निःसंशयीकृता प्रतिलोम-अनुलोमम् वा यद् वा नो मन्यसे हितम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आपद् | आपद् | pos=n,comp=y |
संशयिता | संशयित | pos=a,g=f,c=1,n=s |
श्रेयो | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
निःसंशयीकृता | निःसंशयीकृत | pos=a,g=f,c=1,n=s |
प्रतिलोम | प्रतिलोम | pos=a,comp=y |
अनुलोमम् | अनुलोम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वा | वा | pos=i |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वा | वा | pos=i |
नो | मद् | pos=n,g=,c=4,n=p |
मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
हितम् | हित | pos=a,g=n,c=2,n=s |