रामायणम् — 6.40.46
Original
Segmented
अहम् सखा ते काकुत्स्थ प्रियः प्राणो बहिश्चरः गरुत्मान् इह सम्प्राप्तो युवयोः साह्य-कारणात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
सखा | सखि | pos=n,g=,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
काकुत्स्थ | काकुत्स्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
प्रियः | प्रिय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
प्राणो | प्राण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बहिश्चरः | बहिश्चर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
गरुत्मान् | गरुत्मन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इह | इह | pos=i |
सम्प्राप्तो | सम्प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
युवयोः | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=d |
साह्य | साह्य | pos=n,comp=y |
कारणात् | कारण | pos=n,g=n,c=5,n=s |