Original

रत्नौघजलसंनादं विषक्तमिव वायुना ।उत्पतन्तमिव क्रुद्धं यादोगणसमाकुलम् ॥ ८७ ॥

Segmented

रत्न-ओघ-जल-संनादम् विषक्तम् इव वायुना उत्पतन्तम् इव क्रुद्धम् यादः-गण-समाकुलम्

Analysis

Word Lemma Parse
रत्न रत्न pos=n,comp=y
ओघ ओघ pos=n,comp=y
जल जल pos=n,comp=y
संनादम् संनाद pos=n,g=m,c=2,n=s
विषक्तम् विषञ्ज् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
इव इव pos=i
वायुना वायु pos=n,g=m,c=3,n=s
उत्पतन्तम् उत्पत् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
इव इव pos=i
क्रुद्धम् क्रुध् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
यादः यादस् pos=n,comp=y
गण गण pos=n,comp=y
समाकुलम् समाकुल pos=a,g=m,c=2,n=s