रामायणम् — 6.4.84
Original
Segmented
संपृक्तम् नभसा हि अम्भः संपृक्तम् च नभो ऽम्भसा तादृः-रूपे स्म दृश्येते तारा-रत्न-समाकुले
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संपृक्तम् | सम्पृच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
नभसा | नभस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
हि | हि | pos=i |
अम्भः | अम्भस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
संपृक्तम् | सम्पृच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
नभो | नभस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ऽम्भसा | अम्भस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
तादृः | तादृश् | pos=a,comp=y |
रूपे | रूप | pos=n,g=n,c=1,n=d |
स्म | स्म | pos=i |
दृश्येते | दृश् | pos=v,p=3,n=d,l=lat |
तारा | तारा | pos=n,comp=y |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
समाकुले | समाकुल | pos=a,g=n,c=1,n=d |