Original

हृतामवाप्य वैदेहीं क्षिप्रं हत्वा च रावणम् ।समृद्धार्थः समृद्धार्थामयोध्यां प्रतियास्यसि ॥ ३९ ॥

Segmented

हृताम् अवाप्य वैदेहीम् क्षिप्रम् हत्वा च रावणम् समृद्ध-अर्थः समृद्ध-अर्थाम् अयोध्याम् प्रतियास्यसि

Analysis

Word Lemma Parse
हृताम् हृ pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
अवाप्य अवाप् pos=vi
वैदेहीम् वैदेही pos=n,g=f,c=2,n=s
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
हत्वा हन् pos=vi
pos=i
रावणम् रावण pos=n,g=m,c=2,n=s
समृद्ध समृध् pos=va,comp=y,f=part
अर्थः अर्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
समृद्ध समृध् pos=va,comp=y,f=part
अर्थाम् अर्थ pos=n,g=f,c=2,n=s
अयोध्याम् अयोध्या pos=n,g=f,c=2,n=s
प्रतियास्यसि प्रतिया pos=v,p=2,n=s,l=lrt