रामायणम् — 6.39.28
Original
Segmented
न च अतिक्रमितुम् शक्यम् दैवम् सुग्रीव मानुषैः यत् तु शक्यम् वयस्येन सुहृदा वा परंतप कृतम् सुग्रीव तत् सर्वम् भवता अधर्म-भीरुणा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अतिक्रमितुम् | अतिक्रम् | pos=vi |
शक्यम् | शक्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
दैवम् | दैव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सुग्रीव | सुग्रीव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
मानुषैः | मानुष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
शक्यम् | शक्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
वयस्येन | वयस्य | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सुहृदा | सुहृद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वा | वा | pos=i |
परंतप | परंतप | pos=a,g=m,c=8,n=s |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
सुग्रीव | सुग्रीव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवता | भवत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
अधर्म | अधर्म | pos=n,comp=y |
भीरुणा | भीरु | pos=a,g=m,c=3,n=s |