रामायणम् — 6.39.15
Original
Segmented
शयानः शर-तल्पे ऽस्मिन् स्व-शोणित-परिप्लुतः शर-जालैः चितः भाति भास्करो ऽस्तम् इव व्रजन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शयानः | शी | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शर | शर | pos=n,comp=y |
तल्पे | तल्प | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
शोणित | शोणित | pos=n,comp=y |
परिप्लुतः | परिप्लु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शर | शर | pos=n,comp=y |
जालैः | जाल | pos=n,g=n,c=3,n=p |
चितः | चि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भाति | भा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भास्करो | भास्कर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽस्तम् | अस्त | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
व्रजन् | व्रज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |