रामायणम् — 6.33.46
Original
Segmented
विदार्यमाणा हरि-पुङ्गवैः तदा निशाचराः शोणित-दिग्ध-गात्राः पुनः सु युद्धम् तरसा समाश्रिता दिवाकरस्य अस्तमय-अभिकाङ्क्षिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विदार्यमाणा | विदारय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
पुङ्गवैः | पुंगव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तदा | तदा | pos=i |
निशाचराः | निशाचर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शोणित | शोणित | pos=n,comp=y |
दिग्ध | दिह् | pos=va,comp=y,f=part |
गात्राः | गात्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पुनः | पुनर् | pos=i |
सु | सु | pos=i |
युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तरसा | तरस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
समाश्रिता | समाश्रि | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
दिवाकरस्य | दिवाकर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अस्तमय | अस्तमय | pos=n,comp=y |
अभिकाङ्क्षिन् | अभिकाङ्क्षिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |