Original

पुनः शरशतेनाथ क्षिप्रहस्तो निशाचरः ।बिभेद समरे नीलं निकुम्भः प्रजहास च ॥ ३३ ॥

Segmented

पुनः शर-शतेन अथ क्षिप्रहस्तो निशाचरः बिभेद समरे नीलम् निकुम्भः प्रजहास च

Analysis

Word Lemma Parse
पुनः पुनर् pos=i
शर शर pos=n,comp=y
शतेन शत pos=n,g=n,c=3,n=s
अथ अथ pos=i
क्षिप्रहस्तो क्षिप्रहस्त pos=n,g=m,c=1,n=s
निशाचरः निशाचर pos=n,g=m,c=1,n=s
बिभेद भिद् pos=v,p=3,n=s,l=lit
समरे समर pos=n,g=n,c=7,n=s
नीलम् नील pos=n,g=m,c=2,n=s
निकुम्भः निकुम्भ pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रजहास प्रहस् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i