रामायणम् — 6.33.20
Original
Segmented
सम्पाति तु त्रिभिः बाणैः प्रजङ्घेन समाहतः निजघान अश्वकर्णेन प्रजङ्घम् रण-मूर्ध्नि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सम्पाति | सम्पाति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
त्रिभिः | त्रि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
बाणैः | बाण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
प्रजङ्घेन | प्रजङ्घ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
समाहतः | समाहन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
निजघान | निहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अश्वकर्णेन | अश्वकर्ण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
प्रजङ्घम् | प्रजङ्घ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
रण | रण | pos=n,comp=y |
मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |