Original

शैलाग्रे रचिता दुर्गा सा पूर्देवपुरोपमा ।वाजिवारणसंपूर्णा लङ्का परमदुर्जया ॥ २१ ॥

Segmented

शैल-अग्रे रचिता दुर्गा सा पूः देव-पुर-उपमा वाजि-वारण-सम्पूर्णा लङ्का परम-दुर्जया

Analysis

Word Lemma Parse
शैल शैल pos=n,comp=y
अग्रे अग्र pos=n,g=n,c=7,n=s
रचिता रचय् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
दुर्गा दुर्ग pos=a,g=f,c=1,n=s
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
पूः पुर् pos=n,g=,c=1,n=s
देव देव pos=n,comp=y
पुर पुर pos=n,comp=y
उपमा उपम pos=a,g=f,c=1,n=s
वाजि वाजिन् pos=n,comp=y
वारण वारण pos=n,comp=y
सम्पूर्णा सम्पृ pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
लङ्का लङ्का pos=n,g=f,c=1,n=s
परम परम pos=a,comp=y
दुर्जया दुर्जय pos=a,g=f,c=1,n=s