Original

दीयतामभिसत्कृत्य मनुजेन्द्राय मैथिली ।निदर्शनं ते पर्याप्तं जनस्थाने यदद्भुतम् ॥ २१ ॥

Segmented

दीयताम् अभिसत्कृत्य मनुज-इन्द्राय मैथिली निदर्शनम् ते पर्याप्तम् जनस्थाने यद् अद्भुतम्

Analysis

Word Lemma Parse
दीयताम् दा pos=v,p=3,n=s,l=lot
अभिसत्कृत्य अभिसत्कृ pos=vi
मनुज मनुज pos=n,comp=y
इन्द्राय इन्द्र pos=n,g=m,c=4,n=s
मैथिली मैथिली pos=n,g=f,c=1,n=s
निदर्शनम् निदर्शन pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
पर्याप्तम् पर्याप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
जनस्थाने जनस्थान pos=n,g=n,c=7,n=s
यद् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
अद्भुतम् अद्भुत pos=a,g=n,c=1,n=s