Original

सा प्रविष्टा पुनस्तत्र ददर्श जनकात्मजाम् ।प्रतीक्षमाणां स्वामेव भ्रष्टपद्मामिव श्रियम् ॥ १६ ॥

Segmented

सा प्रविष्टा पुनः तत्र ददर्श जनकात्मजाम् प्रतीक्षमाणाम् स्वाम् एव भ्रष्ट-पद्माम् इव श्रियम्

Analysis

Word Lemma Parse
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
प्रविष्टा प्रविश् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
पुनः पुनर् pos=i
तत्र तत्र pos=i
ददर्श दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lit
जनकात्मजाम् जनकात्मजा pos=n,g=f,c=2,n=s
प्रतीक्षमाणाम् प्रतीक्ष् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
स्वाम् स्व pos=a,g=f,c=2,n=s
एव एव pos=i
भ्रष्ट भ्रंश् pos=va,comp=y,f=part
पद्माम् पद्म pos=n,g=f,c=2,n=s
इव इव pos=i
श्रियम् श्री pos=n,g=f,c=2,n=s