रामायणम् — 6.24.5
Original
Segmented
सखि-स्नेहेन तद् भीरु मया सर्वम् प्रतिश्रुतम् तव हेतोः विशाल-अक्षि न हि मे जीवितम् प्रियम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सखि | सखी | pos=n,comp=y |
स्नेहेन | स्नेह | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भीरु | भीरु | pos=a,g=f,c=8,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रतिश्रुतम् | प्रतिश्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
हेतोः | हेतु | pos=n,g=m,c=5,n=s |
विशाल | विशाल | pos=a,comp=y |
अक्षि | अक्ष | pos=a,g=f,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
जीवितम् | जीवित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=1,n=s |