Original

श्रीस्त्वां भजति शोकघ्नी रक्षसां भयमागतम् ।रामात्कमलपत्राक्षि दैत्यानामिव वासवात् ॥ २७ ॥

Segmented

श्रीः त्वा भजति शोक-घ्नी रक्षसाम् भयम् आगतम् रामात् कमल-पत्त्र-अक्षि दैत्यानाम् इव वासवात्

Analysis

Word Lemma Parse
श्रीः श्री pos=n,g=f,c=1,n=s
त्वा त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
भजति भज् pos=v,p=3,n=s,l=lat
शोक शोक pos=n,comp=y
घ्नी घ्न pos=a,g=f,c=1,n=s
रक्षसाम् रक्षस् pos=n,g=n,c=6,n=p
भयम् भय pos=n,g=n,c=1,n=s
आगतम् आगम् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
रामात् राम pos=n,g=m,c=5,n=s
कमल कमल pos=n,comp=y
पत्त्र पत्त्र pos=n,comp=y
अक्षि अक्ष pos=a,g=f,c=8,n=s
दैत्यानाम् दैत्य pos=n,g=m,c=6,n=p
इव इव pos=i
वासवात् वासव pos=n,g=m,c=5,n=s