रामायणम् — 6.18.24
Original
Segmented
वृतः कोटि-सहस्रेण हरीणाम् समुपस्थितः एष एव आशंसते लङ्काम् स्वेन अनीकेन मर्दितुम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वृतः | वृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
कोटि | कोटि | pos=n,comp=y |
सहस्रेण | सहस्र | pos=n,g=n,c=3,n=s |
हरीणाम् | हरि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
समुपस्थितः | समुपस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
आशंसते | आशंस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
लङ्काम् | लङ्का | pos=n,g=f,c=2,n=s |
स्वेन | स्व | pos=a,g=n,c=3,n=s |
अनीकेन | अनीक | pos=n,g=n,c=3,n=s |
मर्दितुम् | मृद् | pos=vi |