रामायणम् — 6.17.32
Original
Segmented
भेरीणाम् इव संनादो यस्य एष श्रूयते महान् घोरः शाखामृग-इन्द्राणाम् संग्रामम् अभिकाङ्क्षताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भेरीणाम् | भेरी | pos=n,g=f,c=6,n=p |
इव | इव | pos=i |
संनादो | संनाद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
श्रूयते | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
घोरः | घोर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
शाखामृग | शाखामृग | pos=n,comp=y |
इन्द्राणाम् | इन्द्र | pos=n,g=m,c=6,n=p |
संग्रामम् | संग्राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अभिकाङ्क्षताम् | अभिकाङ्क्ष् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |