Original

त्वं तु सौम्य परित्रस्तो हरिभिर्निर्जितो भृशम् ।प्रतिप्रदानमद्यैव सीतायाः साधु मन्यसे ।को हि नाम सपत्नो मां समरे जेतुमर्हति ॥ ३ ॥

Segmented

त्वम् तु सौम्य परित्रस्तो हरिभिः निर्जितो भृशम् प्रतिप्रदानम् अद्य एव सीतायाः साधु मन्यसे को हि नाम सपत्नो माम् समरे जेतुम् अर्हति

Analysis

Word Lemma Parse
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
तु तु pos=i
सौम्य सौम्य pos=a,g=m,c=8,n=s
परित्रस्तो परित्रस् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
हरिभिः हरि pos=n,g=m,c=3,n=p
निर्जितो निर्जि pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
भृशम् भृशम् pos=i
प्रतिप्रदानम् प्रतिप्रदान pos=n,g=n,c=2,n=s
अद्य अद्य pos=i
एव एव pos=i
सीतायाः सीता pos=n,g=f,c=6,n=s
साधु साधु pos=a,g=n,c=2,n=s
मन्यसे मन् pos=v,p=2,n=s,l=lat
को pos=n,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
नाम नाम pos=i
सपत्नो सपत्न pos=n,g=m,c=1,n=s
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
समरे समर pos=n,g=n,c=7,n=s
जेतुम् जि pos=vi
अर्हति अर्ह् pos=v,p=3,n=s,l=lat