रामायणम् — 6.17.3
Original
Segmented
त्वम् तु सौम्य परित्रस्तो हरिभिः निर्जितो भृशम् प्रतिप्रदानम् अद्य एव सीतायाः साधु मन्यसे को हि नाम सपत्नो माम् समरे जेतुम् अर्हति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
सौम्य | सौम्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
परित्रस्तो | परित्रस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हरिभिः | हरि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
निर्जितो | निर्जि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
प्रतिप्रदानम् | प्रतिप्रदान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अद्य | अद्य | pos=i |
एव | एव | pos=i |
सीतायाः | सीता | pos=n,g=f,c=6,n=s |
साधु | साधु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
नाम | नाम | pos=i |
सपत्नो | सपत्न | pos=n,g=m,c=1,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
जेतुम् | जि | pos=vi |
अर्हति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |