Original

क्षमया हि समायुक्तं मामयं मकरालयः ।असमर्थं विजानाति धिक्क्षमामीदृशे जने ॥ ११ ॥

Segmented

क्षमया हि समायुक्तम् माम् अयम् मकर-आलयः असमर्थम् विजानाति धिक् क्षमाम् ईदृशे जने

Analysis

Word Lemma Parse
क्षमया क्षमा pos=n,g=f,c=3,n=s
हि हि pos=i
समायुक्तम् समायुज् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
अयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
मकर मकर pos=n,comp=y
आलयः आलय pos=n,g=m,c=1,n=s
असमर्थम् असमर्थ pos=a,g=m,c=2,n=s
विजानाति विज्ञा pos=v,p=3,n=s,l=lat
धिक् धिक् pos=i
क्षमाम् क्षमा pos=n,g=f,c=2,n=s
ईदृशे ईदृश pos=a,g=m,c=7,n=s
जने जन pos=n,g=m,c=7,n=s