रामायणम् — 6.116.7
Original
Segmented
शीर्येत पुष्पितो भूत्वा न फलानि प्रदर्शयेत् तस्य न अनुभवेत् अर्थम् यस्य हेतोः स रोप्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शीर्येत | शृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
पुष्पितो | पुष्पित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भूत्वा | भू | pos=vi |
न | न | pos=i |
फलानि | फल | pos=n,g=n,c=2,n=p |
प्रदर्शयेत् | प्रदर्शय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
अनुभवेत् | अनुभू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हेतोः | हेतु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रोप्यते | रोपय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |