Original

समीक्ष्य भरतो वाक्यमुवाच पवनात्मजम् ।कच्चिन्न खलु कापेयी सेव्यते चलचित्तता ।न हि पश्यामि काकुत्स्थं राममार्यं परंतपम् ॥ १७ ॥

Segmented

समीक्ष्य भरतो वाक्यम् उवाच पवनात्मजम् किंचिद् न खलु कापेयी सेव्यते चल-चित्त-ता न हि पश्यामि काकुत्स्थम् रामम् आर्यम् परंतपम्

Analysis

Word Lemma Parse
समीक्ष्य समीक्ष् pos=vi
भरतो भरत pos=n,g=m,c=1,n=s
वाक्यम् वाक्य pos=n,g=n,c=2,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
पवनात्मजम् पवनात्मज pos=n,g=m,c=2,n=s
किंचिद् कश्चित् pos=n,g=n,c=2,n=s
pos=i
खलु खलु pos=i
कापेयी कापेय pos=a,g=f,c=1,n=s
सेव्यते सेव् pos=v,p=3,n=s,l=lat
चल चल pos=a,comp=y
चित्त चित्त pos=n,comp=y
ता ता pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
हि हि pos=i
पश्यामि दृश् pos=v,p=1,n=s,l=lat
काकुत्स्थम् काकुत्स्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
रामम् राम pos=n,g=m,c=2,n=s
आर्यम् आर्य pos=a,g=m,c=2,n=s
परंतपम् परंतप pos=a,g=m,c=2,n=s