रामायणम् — 6.114.6
Original
Segmented
यथा दूतैः त्वम् आनीतः तूर्णम् राज-गृहात् प्रभो त्वया अयोध्याम् प्रविष्टेन यथा राज्यम् न च ईप्सितम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथा | यथा | pos=i |
दूतैः | दूत | pos=n,g=m,c=3,n=p |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
आनीतः | आनी | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तूर्णम् | तूर्णम् | pos=i |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
गृहात् | गृह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
अयोध्याम् | अयोध्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्रविष्टेन | प्रविश् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
यथा | यथा | pos=i |
राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
ईप्सितम् | ईप्सय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |