Original

तां सुवर्णपरिक्रान्ते शुभे महति वेश्मनि ।प्रवेश्य मैथिलीं वाक्यैः सान्त्वयामास रावणः ॥ २५ ॥

Segmented

ताम् सुवर्ण-परिक्रान्ते शुभे महति वेश्मनि प्रवेश्य मैथिलीम् वाक्यैः सान्त्वयामास रावणः

Analysis

Word Lemma Parse
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
सुवर्ण सुवर्ण pos=n,comp=y
परिक्रान्ते परिक्रम् pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
शुभे शुभ pos=a,g=n,c=7,n=s
महति महत् pos=a,g=n,c=7,n=s
वेश्मनि वेश्मन् pos=n,g=n,c=7,n=s
प्रवेश्य प्रवेशय् pos=vi
मैथिलीम् मैथिली pos=n,g=f,c=2,n=s
वाक्यैः वाक्य pos=n,g=n,c=3,n=p
सान्त्वयामास सान्त्वय् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रावणः रावण pos=n,g=m,c=1,n=s