रामायणम् — 6.113.39
Original
Segmented
अशोक-जैः प्रीति-मयैः कपिम् आलिङ्ग्य संभ्रमात् सिषेच भरतः श्रीमान् विपुलैः अश्रु-बिन्दुभिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अशोक | अशोक | pos=n,comp=y |
जैः | ज | pos=a,g=m,c=3,n=p |
प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
मयैः | मय | pos=a,g=m,c=3,n=p |
कपिम् | कपि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आलिङ्ग्य | आलिङ्गय् | pos=vi |
संभ्रमात् | सम्भ्रम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
सिषेच | सिच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भरतः | भरत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विपुलैः | विपुल | pos=a,g=m,c=3,n=p |
अश्रु | अश्रु | pos=n,comp=y |
बिन्दुभिः | बिन्दु | pos=n,g=m,c=3,n=p |