Original

अयोध्यां त्वरितो गच्छ क्षिप्रं त्वं प्लवगोत्तम ।जानीहि कच्चित्कुशली जनो नृपतिमन्दिरे ॥ ३ ॥

Segmented

अयोध्याम् त्वरितो गच्छ क्षिप्रम् त्वम् प्लवग-उत्तम जानीहि कच्चित् कुशली जनो नृपति-मन्दिरे

Analysis

Word Lemma Parse
अयोध्याम् अयोध्या pos=n,g=f,c=2,n=s
त्वरितो त्वर् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
गच्छ गम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
प्लवग प्लवग pos=n,comp=y
उत्तम उत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
जानीहि ज्ञा pos=v,p=2,n=s,l=lot
कच्चित् कश्चित् pos=n,g=n,c=2,n=s
कुशली कुशलिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
जनो जन pos=n,g=m,c=1,n=s
नृपति नृपति pos=n,comp=y
मन्दिरे मन्दिर pos=n,g=n,c=7,n=s