रामायणम् — 6.110.17
Original
Segmented
दृष्ट्वा त्वाम् अभिषेक-आर्द्रम् कौसल्याम् अभिवाद्य च अचिरेण आगमिष्यामः स्वान् गृहान् नृपतेः सुत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अभिषेक | अभिषेक | pos=n,comp=y |
आर्द्रम् | आर्द्र | pos=a,g=m,c=2,n=s |
कौसल्याम् | कौसल्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अभिवाद्य | अभिवादय् | pos=vi |
च | च | pos=i |
अचिरेण | अचिरेण | pos=i |
आगमिष्यामः | आगम् | pos=v,p=1,n=p,l=lrt |
स्वान् | स्व | pos=a,g=m,c=2,n=p |
गृहान् | गृह | pos=n,g=m,c=2,n=p |
नृपतेः | नृपति | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सुत | सुत | pos=n,g=m,c=8,n=s |