रामायणम् — 6.11.46
Original
Segmented
चार-प्रणिहितम् युक्तम् यद् उक्तम् सचिवैः ते अर्थस्य असंभवात् तत्र कारणम् न उपपद्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
चार | चार | pos=n,comp=y |
प्रणिहितम् | प्रणिधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
युक्तम् | युज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
उक्तम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
सचिवैः | सचिव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अर्थस्य | अर्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
असंभवात् | असंभव | pos=n,g=m,c=5,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
कारणम् | कारण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
उपपद्यते | उपपद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |