Original

विशुद्धा त्रिषु लोकेषु मैथिली जनकात्मजा ।न हि हातुमियं शक्या कीर्तिरात्मवता यथा ॥ १८ ॥

Segmented

विशुद्धा त्रिषु लोकेषु मैथिली जनकात्मजा न हि हातुम् इयम् शक्या कीर्तिः आत्मवता यथा

Analysis

Word Lemma Parse
विशुद्धा विशुध् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
त्रिषु त्रि pos=n,g=m,c=7,n=p
लोकेषु लोक pos=n,g=m,c=7,n=p
मैथिली मैथिली pos=n,g=f,c=1,n=s
जनकात्मजा जनकात्मजा pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
हि हि pos=i
हातुम् हा pos=vi
इयम् इदम् pos=n,g=f,c=1,n=s
शक्या शक्य pos=a,g=f,c=1,n=s
कीर्तिः कीर्ति pos=n,g=f,c=1,n=s
आत्मवता आत्मवत् pos=a,g=m,c=3,n=s
यथा यथा pos=i