रामायणम् — 6.105.26
Original
Segmented
वध-अर्थम् रावणस्य इह प्रविष्टो मानुषीम् तनुम् तद् इदम् नः कृतम् कार्यम् त्वया धर्म-भृताम् वर
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वध | वध | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
रावणस्य | रावण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इह | इह | pos=i |
प्रविष्टो | प्रविश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मानुषीम् | मानुष | pos=a,g=f,c=2,n=s |
तनुम् | तनु | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
कार्यम् | कार्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
भृताम् | भृत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
वर | वर | pos=a,g=m,c=8,n=s |