Original

वधार्थं रावणस्येह प्रविष्टो मानुषीं तनुम् ।तदिदं नः कृतं कार्यं त्वया धर्मभृतां वर ॥ २६ ॥

Segmented

वध-अर्थम् रावणस्य इह प्रविष्टो मानुषीम् तनुम् तद् इदम् नः कृतम् कार्यम् त्वया धर्म-भृताम् वर

Analysis

Word Lemma Parse
वध वध pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
रावणस्य रावण pos=n,g=m,c=6,n=s
इह इह pos=i
प्रविष्टो प्रविश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मानुषीम् मानुष pos=a,g=f,c=2,n=s
तनुम् तनु pos=n,g=f,c=2,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=1,n=s
नः मद् pos=n,g=,c=6,n=p
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
कार्यम् कार्य pos=n,g=n,c=1,n=s
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
भृताम् भृत् pos=a,g=m,c=6,n=p
वर वर pos=a,g=m,c=8,n=s