रामायणम् — 6.104.3
Original
Segmented
प्रविः इव गात्राणि स्वानि एव जनकात्मजा वाच्-शल्यैः तैः स शल्या इव भृशम् अश्रूणि अवर्तयत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रविः | प्रविश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
गात्राणि | गात्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
स्वानि | स्व | pos=a,g=n,c=2,n=p |
एव | एव | pos=i |
जनकात्मजा | जनकात्मजा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वाच् | वाच् | pos=n,comp=y |
शल्यैः | शल्य | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
स | स | pos=i |
शल्या | शल्य | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
अश्रूणि | अश्रु | pos=n,g=n,c=2,n=p |
अवर्तयत् | वर्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |