रामायणम् — 6.101.7
Original
Segmented
प्रियम् आख्यामि ते देवि त्वाम् तु भूयः सभाजये दिष्ट्या जीवसि धर्म-ज्ञे जयेन मम संयुगे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आख्यामि | आख्या | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
देवि | देवी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
भूयः | भूयस् | pos=i |
सभाजये | सभाजय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
जीवसि | जीव् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
ज्ञे | ज्ञ | pos=a,g=f,c=8,n=s |
जयेन | जय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
संयुगे | संयुग | pos=n,g=n,c=7,n=s |