रामायणम् — 6.101.20
Original
Segmented
भर्तुः प्रिय-हिते युक्ते भर्तुः विजय-काङ्क्षिन् स्निग्धम् एवंविधम् वाक्यम् त्वम् एव अर्हसि भाषितुम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भर्तुः | भर्तृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
हिते | हित | pos=n,g=n,c=7,n=s |
युक्ते | युज् | pos=va,g=f,c=8,n=s,f=part |
भर्तुः | भर्तृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विजय | विजय | pos=n,comp=y |
काङ्क्षिन् | काङ्क्षिन् | pos=a,g=f,c=8,n=s |
स्निग्धम् | स्निग्ध | pos=a,g=n,c=2,n=s |
एवंविधम् | एवंविध | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
भाषितुम् | भाष् | pos=vi |