Original

प्रियमेतदुदाहृत्य मैथिल्यास्त्वं हरीश्वर ।प्रतिगृह्य च संदेशमुपावर्तितुमर्हसि ॥ २२ ॥

Segmented

प्रियम् एतद् उदाहृत्य मैथिल्याः त्वम् हरि-ईश्वर प्रतिगृह्य च संदेशम् उपावर्तितुम् अर्हसि

Analysis

Word Lemma Parse
प्रियम् प्रिय pos=a,g=n,c=2,n=s
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
उदाहृत्य उदाहृ pos=vi
मैथिल्याः मैथिली pos=n,g=f,c=6,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
हरि हरि pos=n,comp=y
ईश्वर ईश्वर pos=n,g=m,c=8,n=s
प्रतिगृह्य प्रतिग्रह् pos=vi
pos=i
संदेशम् संदेश pos=n,g=m,c=2,n=s
उपावर्तितुम् उपावृत् pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat