रामायणम् — 5.9.41
Original
Segmented
यस्य सत्त्वस्य या योनिः तस्याम् तत् परिमार्ग्यते न शक्यम् प्रमदा नष्टा मृगीषु परिमार्गितुम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्य | यद् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
सत्त्वस्य | सत्त्व | pos=n,g=n,c=6,n=s |
या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
योनिः | योनि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तस्याम् | तद् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
परिमार्ग्यते | परिमार्ग् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
शक्यम् | शक्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
प्रमदा | प्रमदा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
नष्टा | नश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
मृगीषु | मृगी | pos=n,g=f,c=7,n=p |
परिमार्गितुम् | परिमार्ग् | pos=vi |