रामायणम् — 5.7.48
Original
Segmented
किङ्किणी-जाल-संकाश ताः हेम-विपुल-अम्बुज भाव-ग्राह यशः-तीर सुप्ता नद्य इव आबभुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किङ्किणी | किङ्किणी | pos=n,comp=y |
जाल | जाल | pos=n,comp=y |
संकाश | संकाश | pos=n,g=f,c=1,n=p |
ताः | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
हेम | हेमन् | pos=n,comp=y |
विपुल | विपुल | pos=a,comp=y |
अम्बुज | अम्बुज | pos=n,g=f,c=1,n=p |
भाव | भाव | pos=n,comp=y |
ग्राह | ग्राह | pos=n,g=f,c=1,n=p |
यशः | यशस् | pos=n,comp=y |
तीर | तीर | pos=n,g=f,c=1,n=p |
सुप्ता | स्वप् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
नद्य | नदी | pos=n,g=f,c=1,n=p |
इव | इव | pos=i |
आबभुः | आभा | pos=v,p=3,n=p,l=lit |