रामायणम् — 5.66.5
Original
Segmented
गते हि त्वयि विक्रान्ते पुनः आगमनाय वै प्राणानाम् अपि संदेहो मम स्यान् न अत्र संशयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गते | गम् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
विक्रान्ते | विक्रम् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
पुनः | पुनर् | pos=i |
आगमनाय | आगमन | pos=n,g=n,c=4,n=s |
वै | वै | pos=i |
प्राणानाम् | प्राण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
संदेहो | संदेह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
स्यान् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |