रामायणम् — 5.62.21
Original
Segmented
त्वया हि अनुक्तैः हरिभिः न एव शक्यम् पदात् पदम् क्वचिद् गन्तुम् हरि-श्रेष्ठ ब्रूमः सत्यम् इदम् तु ते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
हि | हि | pos=i |
अनुक्तैः | अनुक्त | pos=a,g=m,c=3,n=p |
हरिभिः | हरि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
न | न | pos=i |
एव | एव | pos=i |
शक्यम् | शक्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
पदात् | पद | pos=n,g=n,c=5,n=s |
पदम् | पद | pos=n,g=n,c=2,n=s |
क्वचिद् | क्वचिद् | pos=i |
गन्तुम् | गम् | pos=vi |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
ब्रूमः | ब्रू | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
सत्यम् | सत्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |