Original

अनुरक्ता हि वैदेही रामं सर्वात्मना शुभा ।अनन्यचित्ता रामे च पौलोमीव पुरंदरे ॥ ९ ॥

Segmented

अनुरक्ता हि वैदेही रामम् सर्व-आत्मना शुभा अनन्य-चित्ता रामे च पौलोमी इव पुरंदरे

Analysis

Word Lemma Parse
अनुरक्ता अनुरञ्ज् pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
हि हि pos=i
वैदेही वैदेही pos=n,g=f,c=1,n=s
रामम् राम pos=n,g=m,c=2,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
आत्मना आत्मन् pos=n,g=m,c=3,n=s
शुभा शुभ pos=a,g=f,c=1,n=s
अनन्य अनन्य pos=a,comp=y
चित्ता चित्त pos=n,g=f,c=1,n=s
रामे राम pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
पौलोमी पौलोमी pos=n,g=f,c=1,n=s
इव इव pos=i
पुरंदरे पुरंदर pos=n,g=m,c=7,n=s