Original

अब्रवीत्सुरसा देवी स्वेन रूपेण मां पुनः ।अर्थसिद्ध्यै हरिश्रेष्ठ गच्छ सौम्य यथासुखम् ॥ ३१ ॥

Segmented

अब्रवीत् सुरसा देवी स्वेन रूपेण माम् पुनः अर्थ-सिद्धये हरि-श्रेष्ठ गच्छ सौम्य यथासुखम्

Analysis

Word Lemma Parse
अब्रवीत् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan
सुरसा सुरसा pos=n,g=f,c=1,n=s
देवी देवी pos=n,g=f,c=1,n=s
स्वेन स्व pos=a,g=n,c=3,n=s
रूपेण रूप pos=n,g=n,c=3,n=s
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
पुनः पुनर् pos=i
अर्थ अर्थ pos=n,comp=y
सिद्धये सिद्धि pos=n,g=f,c=4,n=s
हरि हरि pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
गच्छ गम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
सौम्य सौम्य pos=a,g=m,c=8,n=s
यथासुखम् यथासुखम् pos=i