रामायणम् — 5.55.37
Original
Segmented
तस्थौ तत्र अङ्गदः श्रीमान् वानरैः बहुभिः वृतः उपास्यमानो विबुधैः दिवि देवपतिः यथा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्थौ | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तत्र | तत्र | pos=i |
अङ्गदः | अङ्गद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वानरैः | वानर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
बहुभिः | बहु | pos=a,g=m,c=3,n=p |
वृतः | वृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
उपास्यमानो | उपास् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
विबुधैः | विबुध | pos=n,g=m,c=3,n=p |
दिवि | दिव् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
देवपतिः | देवपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |