रामायणम् — 5.53.23
Original
Segmented
तपसा सत्य-वाक्येन अनन्यत्वात् च भर्तरि अपि सा निर्दहेद् अग्निम् न ताम् अग्निः प्रधक्ष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
सत्य | सत्य | pos=n,comp=y |
वाक्येन | वाक्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अनन्यत्वात् | अनन्यत्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
च | च | pos=i |
भर्तरि | भर्तृ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
निर्दहेद् | निर्दह् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रधक्ष्यति | प्रदह् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |