Original

तदहं भाग्यरहितो लुप्तधर्मार्थसंग्रहः ।रोषदोषपरीतात्मा व्यक्तं लोकविनाशनः ॥ १६ ॥

Segmented

तद् अहम् भाग्य-रहितः लुप्त-धर्म-अर्थ-संग्रहः रोष-दोष-परीत-आत्मा व्यक्तम् लोक-विनाशनः

Analysis

Word Lemma Parse
तद् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
भाग्य भाग्य pos=n,comp=y
रहितः रहित pos=a,g=m,c=1,n=s
लुप्त लुप् pos=va,comp=y,f=part
धर्म धर्म pos=n,comp=y
अर्थ अर्थ pos=n,comp=y
संग्रहः संग्रह pos=n,g=m,c=1,n=s
रोष रोष pos=n,comp=y
दोष दोष pos=n,comp=y
परीत परी pos=va,comp=y,f=part
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
व्यक्तम् व्यक्त pos=a,g=n,c=2,n=s
लोक लोक pos=n,comp=y
विनाशनः विनाशन pos=a,g=m,c=1,n=s