रामायणम् — 5.51.4
Original
Segmented
ततः पश्यन्तु इमम् दीनम् अङ्ग-वैरूप्य-कर्शितम् स मित्राः ज्ञातयः सर्वे बान्धवाः स सुहृद्-जनाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
पश्यन्तु | पश् | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
इमम् | इदम् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दीनम् | दीन | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अङ्ग | अङ्ग | pos=n,comp=y |
वैरूप्य | वैरूप्य | pos=n,comp=y |
कर्शितम् | कर्शय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
स | स | pos=i |
मित्राः | मित्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ज्ञातयः | ज्ञाति | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
बान्धवाः | बान्धव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
स | स | pos=i |
सुहृद् | सुहृद् | pos=n,comp=y |
जनाः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=p |